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अफगानिस्तान संकट: अब भी 20 भारतीय नागरिक, 140 अफगान सिख और हिंदू फंसे, आना चाहते हैं वापस

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 27 Aug 2021 03:20 AM IST

तालिबान के डर से अफगान नागरिकों में लगी है देश छोड़ने की होड़।
– फोटो : US Air Force

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अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत अपने नागरिकों को तेजी से वतन वापस लाने में जुटा हुआ है। अब तक बड़ी संख्या में नागरिकों को भारत लाया भी जा चुका है, लेकिन अब भी कई लोग अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं, जिन्होंने सरकार से वापस आने के लिए गुहार लगाई है।

जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान में अभी 140 अफगान सिख और हिंदू फंसे हुए हैं। इसके अलावा, वहां 20 भारतीय नागरिक भी हैं, जो अपने देश वापस आना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, ये 20 भारतीय नागरिक उस लिस्ट में आखिरी हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान से निकालने के लिए मदद मांगी है।

भारत ने 15 अगस्त से अब तक अफगानिस्तान से 800 से अधिक लोगों को निकाला है। इनमें से अधिकांश भारतीय नागरिक और अफगान सिख और हिंदू समुदाय के सदस्य हैं। 180 लोगों के जत्थे को गुरुवार को सैन्य विमान से काबुल से दिल्ली लाया गया है।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक विशेष बैठक के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं को सूचित किया था कि अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के प्रयास जोरों पर हैं और सरकार अधिक से अधिक लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इन लोगों के अलावा भी कई नागरिक हो सकते हैं। इन्होंने सरकार से वापस आने के लिए अब तक कोई भी मदद की गुहार नहीं लगाई है। वहीं, कुछ वतन वापस न आने की इच्छा रखने वाले भी हो सकते हैं। काबुल एयरपोर्ट से भारत, अमेरिका समेत कई देश अपने नागरिकों को वापस बुला रहे हैं। हाल ही में भारत को काबुल एयरपोर्ट से रोजाना दो फ्लाइट्स को उड़ाने की भी इजाजत मिली थी।

वहीं, तीन बम धमाकों की वजह से काबुल गुरुवार को दहल गया। एयरपोर्ट के पास पहले दो बम धमाके शाम को हुए, जिसके बाद देर रात को तीसरे बम धमाके की आवाज सुनी गई। इन धमाकों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भारत सरकार ने इन धमाकों की निंदा करते हुए दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहा है।

विस्तार

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत अपने नागरिकों को तेजी से वतन वापस लाने में जुटा हुआ है। अब तक बड़ी संख्या में नागरिकों को भारत लाया भी जा चुका है, लेकिन अब भी कई लोग अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं, जिन्होंने सरकार से वापस आने के लिए गुहार लगाई है।

जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान में अभी 140 अफगान सिख और हिंदू फंसे हुए हैं। इसके अलावा, वहां 20 भारतीय नागरिक भी हैं, जो अपने देश वापस आना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, ये 20 भारतीय नागरिक उस लिस्ट में आखिरी हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान से निकालने के लिए मदद मांगी है।

भारत ने 15 अगस्त से अब तक अफगानिस्तान से 800 से अधिक लोगों को निकाला है। इनमें से अधिकांश भारतीय नागरिक और अफगान सिख और हिंदू समुदाय के सदस्य हैं। 180 लोगों के जत्थे को गुरुवार को सैन्य विमान से काबुल से दिल्ली लाया गया है।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक विशेष बैठक के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं को सूचित किया था कि अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के प्रयास जोरों पर हैं और सरकार अधिक से अधिक लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इन लोगों के अलावा भी कई नागरिक हो सकते हैं। इन्होंने सरकार से वापस आने के लिए अब तक कोई भी मदद की गुहार नहीं लगाई है। वहीं, कुछ वतन वापस न आने की इच्छा रखने वाले भी हो सकते हैं। काबुल एयरपोर्ट से भारत, अमेरिका समेत कई देश अपने नागरिकों को वापस बुला रहे हैं। हाल ही में भारत को काबुल एयरपोर्ट से रोजाना दो फ्लाइट्स को उड़ाने की भी इजाजत मिली थी।

वहीं, तीन बम धमाकों की वजह से काबुल गुरुवार को दहल गया। एयरपोर्ट के पास पहले दो बम धमाके शाम को हुए, जिसके बाद देर रात को तीसरे बम धमाके की आवाज सुनी गई। इन धमाकों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भारत सरकार ने इन धमाकों की निंदा करते हुए दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहा है।

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