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अफगानिस्तान में तालिबान राज: इतिहास में दर्ज हुई अमेरिकी जनरल की ‘भुतहा’ तस्वीर
एजेंसी, काबुल
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 01 Sep 2021 07:27 AM IST
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1989 में सोवियत सेना के आखिरी जनरल बोरिस ग्रोमोव की वापसी की याद
जब रूस की लाल सेना ने अफगान छोड़ा था, तब वहां मॉस्को की ओर झुकाव वाली कम्युनिस्ट सरकार थी और उसकी सेना ने तीन साल तक मोर्चा संभाले रखा था। लेकिन तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया।
10 साल चली लड़ाई में सोवियत सेना के 14,450 फौजी मारे गए थे। 15 फरवरी 1989 को जब देश वापसी पर ग्रोमोव से पूछा गया कि उन्हें कैसा लग रहा है तो उनका जवाब था- आनंद। हमने अपना काम किया और घर लौट आए।
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1989 में सोवियत सेना के आखिरी जनरल बोरिस ग्रोमोव की वापसी की याद
जब रूस की लाल सेना ने अफगान छोड़ा था, तब वहां मॉस्को की ओर झुकाव वाली कम्युनिस्ट सरकार थी और उसकी सेना ने तीन साल तक मोर्चा संभाले रखा था। लेकिन तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया।
10 साल चली लड़ाई में सोवियत सेना के 14,450 फौजी मारे गए थे। 15 फरवरी 1989 को जब देश वापसी पर ग्रोमोव से पूछा गया कि उन्हें कैसा लग रहा है तो उनका जवाब था- आनंद। हमने अपना काम किया और घर लौट आए।