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व्हाट्सएप प्राइवेसी: दिल्ली हाईकोर्ट में फेसबुक की याचिका खारिज, सीसीआई के आदेश को दी थी चुनौती

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Thu, 22 Apr 2021 12:16 PM IST

सार

न्यायमूर्ति नवीन चावला की अदालत ने 13 अप्रैल को फेसबुक और व्हाट्सएप की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्एसप की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसके जरिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी की जांच की बात कही गई थी। बता दें कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी की जांच का आदेश दिया था जिसके खिलाफ फेसबुक हाईकोर्ट पहुंचा था।

बता दें कि न्यायमूर्ति नवीन चावला की अदालत ने 13 अप्रैल को फेसबुक और व्हाट्सएप की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी। अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए टिप्पणी की थी कि सीसीआई प्रभुत्व वाली स्थिति के दुरुपयोग की जांच को प्रतिबिंबित नहीं करता, बजाय ऐसा लगता है कि ग्राहकों की निजता को लेकर चिंतित है। अदालत ने यह टिप्पणी सीसीआई के उस रुख पर की जिसमें उसने कहा कि वह व्यक्तियों की निजता का उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा जिसे उच्चतम न्यायालय देख रहा है। 

सीसीआई ने अदालत में तर्क दिया कि व्हाट्सएव नई निजी निजता नीति के तहत बहुत अधिक आंकड़े एकत्र कर सकता है और लक्षित विज्ञापन के दायरे में और उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए ग्राहकों की ‘अवांछित निगरानी’ कर सकता है जो कथित प्रभुत्ववादी प्रभाव का दुरुपयोग होगा। 

विस्तार

दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्एसप की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसके जरिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी की जांच की बात कही गई थी। बता दें कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी की जांच का आदेश दिया था जिसके खिलाफ फेसबुक हाईकोर्ट पहुंचा था।

बता दें कि न्यायमूर्ति नवीन चावला की अदालत ने 13 अप्रैल को फेसबुक और व्हाट्सएप की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी। अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए टिप्पणी की थी कि सीसीआई प्रभुत्व वाली स्थिति के दुरुपयोग की जांच को प्रतिबिंबित नहीं करता, बजाय ऐसा लगता है कि ग्राहकों की निजता को लेकर चिंतित है। अदालत ने यह टिप्पणी सीसीआई के उस रुख पर की जिसमें उसने कहा कि वह व्यक्तियों की निजता का उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा जिसे उच्चतम न्यायालय देख रहा है। 

सीसीआई ने अदालत में तर्क दिया कि व्हाट्सएव नई निजी निजता नीति के तहत बहुत अधिक आंकड़े एकत्र कर सकता है और लक्षित विज्ञापन के दायरे में और उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए ग्राहकों की ‘अवांछित निगरानी’ कर सकता है जो कथित प्रभुत्ववादी प्रभाव का दुरुपयोग होगा। 



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