अमर उजाला ब्यूरो/एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 09 Mar 2022 05:46 AM IST
सार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी और निमहंस, जो मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान शिक्षा के लिए देश के शीर्ष केंद्रों में से एक है, तनावग्रस्त महिला पुलिस कर्मियों के लिए परामर्श प्रदान करने के लिए सहयोग कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के सहयोग से हर जिले में महिलाओं और लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कैंप आयोजित करने की योजना बना रहा है। बीपीआरएंडडी द्वारा आयोजित सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर पुलिस थाने में महिला हेल्पडेस्क को वन-स्टॉप सेंटर से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर बताया कि बीपीआरएंडडी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी और निमहंस, जो मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान शिक्षा के लिए देश के शीर्ष केंद्रों में से एक है, तनावग्रस्त महिला पुलिस कर्मियों के लिए परामर्श प्रदान करने के लिए सहयोग कर सकते हैं।
महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए क्रेच
ईरानी ने यह भी प्रस्ताव दिया कि बीपीआरएंडडी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पास हर जिले में महिला पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए एक विशेष क्रेच सुविधा हो सकती है। ईरानी ने कहा कि सरकार निर्भया फंड के तहत महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, विभिन्न राज्यों को 4,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं और मैं बीपीआरएंडडी से अनुरोध करती हूं कि अगर वे फंड के तहत कोई नई परियोजना प्रस्तावित करना चाहते हैं तो हम इसका स्वागत करते हैं।
वन स्टॉप सेंटर (सखी) : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित वन स्टॉप सेंटर योजना (सखी) महिलाओं के लिए काफी मददगार है। किसी महिला के साथ मारपीट, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न या अन्य कोई घटना होने पर उसे वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से विशेष मदद उपलब्ध कराई जाती है।
विस्तार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के सहयोग से हर जिले में महिलाओं और लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कैंप आयोजित करने की योजना बना रहा है। बीपीआरएंडडी द्वारा आयोजित सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर पुलिस थाने में महिला हेल्पडेस्क को वन-स्टॉप सेंटर से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर बताया कि बीपीआरएंडडी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी और निमहंस, जो मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान शिक्षा के लिए देश के शीर्ष केंद्रों में से एक है, तनावग्रस्त महिला पुलिस कर्मियों के लिए परामर्श प्रदान करने के लिए सहयोग कर सकते हैं।
महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए क्रेच
ईरानी ने यह भी प्रस्ताव दिया कि बीपीआरएंडडी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पास हर जिले में महिला पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए एक विशेष क्रेच सुविधा हो सकती है। ईरानी ने कहा कि सरकार निर्भया फंड के तहत महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, विभिन्न राज्यों को 4,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं और मैं बीपीआरएंडडी से अनुरोध करती हूं कि अगर वे फंड के तहत कोई नई परियोजना प्रस्तावित करना चाहते हैं तो हम इसका स्वागत करते हैं।
वन स्टॉप सेंटर (सखी) : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित वन स्टॉप सेंटर योजना (सखी) महिलाओं के लिए काफी मददगार है। किसी महिला के साथ मारपीट, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न या अन्य कोई घटना होने पर उसे वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से विशेष मदद उपलब्ध कराई जाती है।
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