videsh

भारत की नई मुश्किल: अमेरिकी सीनेट ने पारित किया यह विधेयक तो क्वाड से हो जाएगा बाहर, मामला सीएएटीएस पाबंदी का

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 01 Nov 2021 11:48 PM IST

सार

क्वाड में भारत एकमात्र देश है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियों का खतरा है। भारत ने रूस से एस-400 जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सुरक्षा प्रणाली खरीदने का करार किया है। अमेरिकी कानून के मुताबिक  रूस से मिसाइल सुरक्षा प्रणाली खरीदने वाले देशों पर पाबंदी लगाई जाती है। 

जो बाइडन और पीएम मोदी
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

एक शीर्ष अमेरिकी सीनेटर ने सीनेट में एक विधेयक पेश कर उन देशों को क्वाड के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विचार विमर्श से दूर रखने का प्रस्ताव किया है, जो सीएएटीएस के तहत अमेरिकी पाबंदियों का सामना कर रहे हैं। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो भारत के लिए क्वाड देशों की बैठकों में भाग लेना मुश्किल हो जाएगा। रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदी को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिकी पाबंदी विचाराधीन है। 

टेक्सास से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर टेड क्रूज ने सीनेट में उक्त विधेयक पेश किया है। इसमें राष्ट्रपति बाइडन से यह सत्यापित करने को कहा गया है कि वे यह पुष्टि करें कि क्वाड में ऐसा कोई देश शामिल नहीं है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत दंडात्मक कार्रवाई की गई है। इस विधेयक का इंडियाना के सीनेटर टॉड यंग व कंसास के मार्शल रोजर ने समर्थन किया है। 

व्यावहारिक तौर पर देखें तो यह विधेयक राष्ट्रपति बाइडन को भारत के खिलाफ ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) के दंडात्मक प्रावधानों को लागू करने से हतोत्साहित करेगा। क्योंकि यदि वे भारत के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाते हैं तो चार सशक्त देशों के संगठन क्वाड की उनकी रणनीति विफल हो जाएगी। क्वाड में भारत एकमात्र देश है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियों का खतरा है। 

क्रूज ने यह विधेयक 28 अक्तूबर को अमेरिकी सीनेट में पेश किया था। इसका ब्योरा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। बाइडन ने 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में क्वाड की पहली व्यक्तिगत शिखर बैठक की मेजबानी की थी। हालांकि इस विधेयक के अब तक सार्वजनिक हुए मसौदे में भारत का नाम नहीं है। 

डेमोक्रेटिक सीनेटर भारत पर पाबंदी नहीं लगाने के पक्ष में 
क्रूज द्वारा यह विधेयक लाने के पूर्व अमेरिका के दो ताकतवर सीनेटरों ने राष्ट्रपति बाइडन से भारत पर पाबंदी नहीं लगाने का आग्रह करते हुए उन्हें पत्र लिखा है। अक्तूबर अंत में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने गत मंगलवार को राष्ट्रपति बाइडन को लिखे एक पत्र में भारत को सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित में छूट देने का आग्रह किया है। इन सीनेटरों का कहना है कि यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में होगा। 

क्या है सीएएटीएसए 
‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) अमेरिकी राष्ट्रपति को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है, जो 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के बाद भी रूस से प्रमुख रक्षा हथियार खरीदते हैं। 

विस्तार

एक शीर्ष अमेरिकी सीनेटर ने सीनेट में एक विधेयक पेश कर उन देशों को क्वाड के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विचार विमर्श से दूर रखने का प्रस्ताव किया है, जो सीएएटीएस के तहत अमेरिकी पाबंदियों का सामना कर रहे हैं। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो भारत के लिए क्वाड देशों की बैठकों में भाग लेना मुश्किल हो जाएगा। रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदी को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिकी पाबंदी विचाराधीन है। 

टेक्सास से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर टेड क्रूज ने सीनेट में उक्त विधेयक पेश किया है। इसमें राष्ट्रपति बाइडन से यह सत्यापित करने को कहा गया है कि वे यह पुष्टि करें कि क्वाड में ऐसा कोई देश शामिल नहीं है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत दंडात्मक कार्रवाई की गई है। इस विधेयक का इंडियाना के सीनेटर टॉड यंग व कंसास के मार्शल रोजर ने समर्थन किया है। 

व्यावहारिक तौर पर देखें तो यह विधेयक राष्ट्रपति बाइडन को भारत के खिलाफ ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) के दंडात्मक प्रावधानों को लागू करने से हतोत्साहित करेगा। क्योंकि यदि वे भारत के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाते हैं तो चार सशक्त देशों के संगठन क्वाड की उनकी रणनीति विफल हो जाएगी। क्वाड में भारत एकमात्र देश है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियों का खतरा है। 

क्रूज ने यह विधेयक 28 अक्तूबर को अमेरिकी सीनेट में पेश किया था। इसका ब्योरा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। बाइडन ने 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में क्वाड की पहली व्यक्तिगत शिखर बैठक की मेजबानी की थी। हालांकि इस विधेयक के अब तक सार्वजनिक हुए मसौदे में भारत का नाम नहीं है। 

डेमोक्रेटिक सीनेटर भारत पर पाबंदी नहीं लगाने के पक्ष में 

क्रूज द्वारा यह विधेयक लाने के पूर्व अमेरिका के दो ताकतवर सीनेटरों ने राष्ट्रपति बाइडन से भारत पर पाबंदी नहीं लगाने का आग्रह करते हुए उन्हें पत्र लिखा है। अक्तूबर अंत में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने गत मंगलवार को राष्ट्रपति बाइडन को लिखे एक पत्र में भारत को सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित में छूट देने का आग्रह किया है। इन सीनेटरों का कहना है कि यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में होगा। 

क्या है सीएएटीएसए 

‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) अमेरिकी राष्ट्रपति को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है, जो 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के बाद भी रूस से प्रमुख रक्षा हथियार खरीदते हैं। 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

Astrology

अंक ज्योतिष 31 अक्तूबर 2021: रविवार के लिए आपका लकी नंबर और शुभ रंग कौन सा होगा

16
Desh

पढ़ें 31 अक्टूबर के मुख्य और ताजा समाचार – लाइव ब्रेकिंग न्यूज़

16
Entertainment

'गब्बर सिंह' के पिता जयंत थे अलवर के महाराजा के वफादार, बचपन में बेचते थे भुट्टे

15
Desh

Coronavirus Update Today 31 Oct: जानिए चंद मिनटों में Corona Virus से जुड़ी हर खबर

15
Entertainment

Bigg Boss 15: घरवालों ने टास्क रद्द होने पर प्रतीक को लगाई फटकार, लेकिन बन गए सोशल मीडिया स्टार

15
Entertainment

जन्मदिन: जब खलनायक बन हीरो पर भी भारी पड़ गए शाहरुख खान, दमदार अभिनय से बनाया था 'डर' का माहौल

15
Desh

जी-20 शिखर सम्मेलन: फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने किया हिंदी में ट्वीट, पीएम मोदी ने भी फ्रेंच में दिया जवाब

14
Desh

केवड़िया से अमित शाह Live: राष्ट्रीय एकता दिवस पर बोले गृह मंत्री-सदियों में कोई एक सरदार बन पाता है

14
Desh

Hindi News Headlines: आज दिनभर इन खबरों पर बनी रहेगी नजर, जिनका होगा आप पर असर

To Top
%d bloggers like this: