हर चार साल में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक में दुनिया भर के एथलीट अपनी जबरदस्त प्रतिभा के साथ खेल का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन 2022 में आयोजित बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक विवादों से भरा रहा। इस बार शीतकालीन ओलंपिक इतिहास में पहली बार डोपिंग प्रकरण सामने आया, वहीं कोविड प्रोटोकाल नियमों के तहत चीन की कठिन बायो-बबल नीति से खिलाड़ी परेशान भी हो गए।
जज ने कई विवादित फैसले भी दिए। सबसे विवादित मामला ओलंपिक के सेरेमनी में सामने आया, जब चीन ने उस व्यक्ति को ओलंपिक मशाल थमाई, जो भारत के लद्दाख क्षेत्र में स्थित गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से हुई झड़प में गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद भारत ने राजनयिक तौर पर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया।
खेल के कुछ सबसे बड़े विवादों पर नजर-
उइगर एथलीट ने ओलंपिक की लौ जलाई
शिनजियांग के 20 वर्षीय डिनिगीर यिलमुजियांग ने उद्घाटन समारोह में ओलंपिक लौ जलाई। चीन सरकार जिस तरह से मुस्लिम अल्पसंख्यक समूह उइगर के साथ व्यवहार करती है। इस प्रकरण के बाद अमेरिका ने इसकी कड़ी निंदा की। चीन में उइगर अल्पसंख्यक की हालत कितनी खराब है, यह पूरी दुनिया को पता है।
अधिकारों के हनन के आधार पर बहिष्कार की घोषणा की
चीन में अधिकारों के हनन का हवाला देकर अमेरिका ने राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा ने भी इसका पालन किया। हालांकि, बीजिंग सरकार ने दुर्व्यवहार के आरोपों से इनकार किया। भारत ने भी गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से हुई झड़प में घायल चीन कमांडर से मशाल थमाने के विरोध में राजनयिक बहिष्कार का फैसला किया।
खराब खाने और व्यवस्था पर उठे सवाल
रूस की वेलेरिया वासनेत्सोवा ने ओलंपिक में दो बार कोविड परीक्षण में पॉजिटिव पाई गई और उन्हें प्रतियोगिता से हटा दिया गया। 24 वर्षीय खिलाड़ी ने इंस्ट्राग्राम पर कहा कि जो खाना दिया गया था, वह खाने योग्य नहीं था। उस खाने की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई। वहीं आरओसी बायथलॉन टीम के प्रवक्ता सर्गेई एवरीनोव ने कहा कि कई एथलीट ने जब खाने से मना किया, तब भोजन में सुधार हुआ।
कोविड पॉजिटिव होने पर अमेरिकी एथलीट को प्रतियोगिता से हटाया
अमेरिकी के विंसेंट झोउ एथलीट को कोविड पॉजिटिव होने पर प्रतियोगिता से हटा दिया गया। 21 वर्षीय खिलाड़ी ने टेस्ट से एक दिन पहले वह फ्री स्केट स्पर्धा में तीसरे स्थान पर थे। उन्हें बिना पदक दिए खेल से हटा दिया गया।