कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ)
– फोटो : सोशल मीडिया
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए पीएफ खातों की सुरक्षा सख्त कर दी है। इसके तहत खाताधारक अब ऑनलाइन माध्यम से बड़े बदलाव नहीं कर सकेंगे। उन्हें न तो नाम बदलने की अनुमति होगी और न ही प्रोफाइल में बदलाव कर सकेंगे। दरअसल, केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी कर पीएफ खातों से पैसे निकालने के कई मामले सामने आए हैं।
ईपीएफओ ने धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए पीएफ खातों की सुरक्षा सख्त बनाई
इस पर ईपीएफओ का कहना है कि पीएफ खातों के प्रोफाइल में ऑनलाइन बदलाव की वजह से रिकॉर्ड में मिसमैच की गुंजाइश रहती है, जिससे धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है। इससे निपटने के लिए नियमों को सख्त करने का फैसला किया है और गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है।
नाम में छोटे संशोधन की अनुमति
ईपीएफओ ने क्षेत्रीय कार्यालयों और सदस्य संस्थाओं को सर्कुलर जारी कर कहा है कि वह किसी कागजी सबूत के बिना कर्मचारी के रिकॉर्ड में सुधार न करें। इसका मतलब है कि बिना सही दस्तावेजों के पीएफ खाते में अंशधारकों का ब्यौरा नहीं बदला जा सकेगा। हालांकि नाम में छोटे बदलाव की अनुमति है। बड़े बदलाव से पहले ईपीएफओ प्रमाण पत्रों का निरीक्षण करेगा। उसके बाद ही प्रोफाइल में संशोधन की अनुमति दी जाएगी।
पीएफ धारक पहचानें अपने बदलाव
- ईपीएफओ ने गाइडलाइन के पालन के लिए छोटे और बड़े बदलावों को वर्गीकृत किया है।
- नाम, उपनाम में बिना पहला लेटर बदले सुधार होना है तो इसे छोटा बदलाव माना जाएगा।
- अगर मिडिल नाम या शादी के बाद सरनेम बदलाव करना है तो आधार कार्ड में दिए गए नाम के आधार पर ही बदलाव होगा।
- नाम में पूरा बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि यह बड़ा बदलाव माना जाएगा।
- मसलन, किसी का नाम आरके कश्यप है तो वह अपना नाम रामवीर कश्यप कर सकते हैं, लेकिन नाम पवन कश्यप नहीं कर सकते हैं।
प्रूफ देने के बाद नाम में बदलाव संभव
विशेष परिस्थितियों में पीएफ खातों में नाम, जन्मदिन, नॉमनी, पता, पिता या पति के नाम में बड़े बदलाव नियोक्ता अंशधारकों के कागजी दस्तावेज देखने के बाद होंगे। केवाईसी में ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम में बदलाव को तभी जायज माना जाएगा। अगर संस्था बंद हो चुकी है तो सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर और पीएफ स्लिप दिखाना होगा।
ऑडिट में इस्तेमाल होंगे दस्तावेज
क्षेत्रीय कार्यालय को ऑडिट के समय सभी का कागज उपलब्ध कराने होंगे। हर हिस्से पर दो से तीन बार जांच होगी। इसके बाद ही केवाईसी में बदलाव मंजूर किया जाएगा। – अतुल गर्ग, चार्टर्ड अकाउंटेंट
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए पीएफ खातों की सुरक्षा सख्त कर दी है। इसके तहत खाताधारक अब ऑनलाइन माध्यम से बड़े बदलाव नहीं कर सकेंगे। उन्हें न तो नाम बदलने की अनुमति होगी और न ही प्रोफाइल में बदलाव कर सकेंगे। दरअसल, केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी कर पीएफ खातों से पैसे निकालने के कई मामले सामने आए हैं।
ईपीएफओ ने धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए पीएफ खातों की सुरक्षा सख्त बनाई
इस पर ईपीएफओ का कहना है कि पीएफ खातों के प्रोफाइल में ऑनलाइन बदलाव की वजह से रिकॉर्ड में मिसमैच की गुंजाइश रहती है, जिससे धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है। इससे निपटने के लिए नियमों को सख्त करने का फैसला किया है और गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है।
नाम में छोटे संशोधन की अनुमति
ईपीएफओ ने क्षेत्रीय कार्यालयों और सदस्य संस्थाओं को सर्कुलर जारी कर कहा है कि वह किसी कागजी सबूत के बिना कर्मचारी के रिकॉर्ड में सुधार न करें। इसका मतलब है कि बिना सही दस्तावेजों के पीएफ खाते में अंशधारकों का ब्यौरा नहीं बदला जा सकेगा। हालांकि नाम में छोटे बदलाव की अनुमति है। बड़े बदलाव से पहले ईपीएफओ प्रमाण पत्रों का निरीक्षण करेगा। उसके बाद ही प्रोफाइल में संशोधन की अनुमति दी जाएगी।
पीएफ धारक पहचानें अपने बदलाव
- ईपीएफओ ने गाइडलाइन के पालन के लिए छोटे और बड़े बदलावों को वर्गीकृत किया है।
- नाम, उपनाम में बिना पहला लेटर बदले सुधार होना है तो इसे छोटा बदलाव माना जाएगा।
- अगर मिडिल नाम या शादी के बाद सरनेम बदलाव करना है तो आधार कार्ड में दिए गए नाम के आधार पर ही बदलाव होगा।
- नाम में पूरा बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि यह बड़ा बदलाव माना जाएगा।
- मसलन, किसी का नाम आरके कश्यप है तो वह अपना नाम रामवीर कश्यप कर सकते हैं, लेकिन नाम पवन कश्यप नहीं कर सकते हैं।
प्रूफ देने के बाद नाम में बदलाव संभव
विशेष परिस्थितियों में पीएफ खातों में नाम, जन्मदिन, नॉमनी, पता, पिता या पति के नाम में बड़े बदलाव नियोक्ता अंशधारकों के कागजी दस्तावेज देखने के बाद होंगे। केवाईसी में ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम में बदलाव को तभी जायज माना जाएगा। अगर संस्था बंद हो चुकी है तो सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर और पीएफ स्लिप दिखाना होगा।
ऑडिट में इस्तेमाल होंगे दस्तावेज
क्षेत्रीय कार्यालय को ऑडिट के समय सभी का कागज उपलब्ध कराने होंगे। हर हिस्से पर दो से तीन बार जांच होगी। इसके बाद ही केवाईसी में बदलाव मंजूर किया जाएगा। – अतुल गर्ग, चार्टर्ड अकाउंटेंट
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...
Business, Business Diary Hindi News, Business Diary News in Hindi, Business News in Hindi, document, employee, epfo, epfo guidelines, epfo guidelines 2021, kyc, no change in pf account without paper documents, no change in provident fund account, paper documents, pf, pf account, pf account security, pf fraud, provident fund, ईपीएफओ, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
-
घरेलू नीतियों, कर प्रणाली से भी महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल
-
-
Petrol Diesel Price: 13वें दिन मिली राहत, तेल के दाम बढ़ने का सिलसिला थमा