न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 15 Jan 2022 08:12 AM IST
सार
बजट सत्र जब आयोजित होगा तो कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी। ऐसे में संक्रमण के खतरे की आशंका है। हालांकि, सरकार पर वित्तीय बजट पेश करने का दबाव भी है।
31 जनवरी से दो चरणों में शुरू होने जा रहे बजट सत्र पर संकट के बादल छाए हुए हैं। दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर के बीच होने जा रहे इस बजट सत्र से पहले संसद के 700 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो चार जनवरी तक संसद परिसर के 718 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसमें अकेले 204 कर्मचारी तो राज्यसभा सचिवालय के ही हैं। बाकी कर्मचारी भी संसद से ही जुड़े हुए हैं। इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि जब से संसद सत्र शुरू होगा, कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी। ऐसे में बजट सत्र के दौरान संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहेगा।
मानसून सत्र, 2020 की तरह लग सकते हैं प्रतिबंध
ओमिक्रॉन और कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच होने जा रहे बजट सत्र का हाल भी मानसून सत्र, 2020 जैसा हो सकता है। सितंबर,2020 में आयोजित मानसून सत्र में सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू किया गया था। दिन के पहले भाग में राज्यसभा की बैठक और दूसरे भाग में लोकसभा की बैठक आयोजित की जा रही थी। इसके बाद अगले बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र अपने पूर्व निर्धारित समयानुसार हुए। हालांकि, इस दौरान भी शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन किया गया। हालांकि, इस बार आयोजित होने जा रहे बजट सत्र पर एक बार फिर से सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू हो सकता है।
बजट सत्र की हो चुकी है घोषणा
इधर, बढ़ते संक्रमण की चिंता के बीच लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में बजट सत्र की घोषणा कर दी गई है। लोकसभा का आठवां सत्र 31 जनवरी 2022 से शुरू होगा। इसके आठ अप्रैल को संपन्न होने की संभावना है। विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) को एक साथ 31 जनवरी की सुबह संबोधित करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय बजट एक फरवरी 2022 को प्रस्तुत किया जाएगा। स्थायी समितियों को मंत्रालयों व विभागों की मांगों पर विचार करने और अपनी रिपोर्ट तैयार करने का समय देने के लिए सदन 11 फरवरी को स्थगित होगा और 14 मार्च को फिर आयोजित होगा।
विस्तार
31 जनवरी से दो चरणों में शुरू होने जा रहे बजट सत्र पर संकट के बादल छाए हुए हैं। दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर के बीच होने जा रहे इस बजट सत्र से पहले संसद के 700 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो चार जनवरी तक संसद परिसर के 718 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसमें अकेले 204 कर्मचारी तो राज्यसभा सचिवालय के ही हैं। बाकी कर्मचारी भी संसद से ही जुड़े हुए हैं। इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि जब से संसद सत्र शुरू होगा, कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी। ऐसे में बजट सत्र के दौरान संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहेगा।
मानसून सत्र, 2020 की तरह लग सकते हैं प्रतिबंध
ओमिक्रॉन और कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच होने जा रहे बजट सत्र का हाल भी मानसून सत्र, 2020 जैसा हो सकता है। सितंबर,2020 में आयोजित मानसून सत्र में सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू किया गया था। दिन के पहले भाग में राज्यसभा की बैठक और दूसरे भाग में लोकसभा की बैठक आयोजित की जा रही थी। इसके बाद अगले बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र अपने पूर्व निर्धारित समयानुसार हुए। हालांकि, इस दौरान भी शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन किया गया। हालांकि, इस बार आयोजित होने जा रहे बजट सत्र पर एक बार फिर से सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू हो सकता है।
बजट सत्र की हो चुकी है घोषणा
इधर, बढ़ते संक्रमण की चिंता के बीच लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में बजट सत्र की घोषणा कर दी गई है। लोकसभा का आठवां सत्र 31 जनवरी 2022 से शुरू होगा। इसके आठ अप्रैल को संपन्न होने की संभावना है। विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) को एक साथ 31 जनवरी की सुबह संबोधित करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय बजट एक फरवरी 2022 को प्रस्तुत किया जाएगा। स्थायी समितियों को मंत्रालयों व विभागों की मांगों पर विचार करने और अपनी रिपोर्ट तैयार करने का समय देने के लिए सदन 11 फरवरी को स्थगित होगा और 14 मार्च को फिर आयोजित होगा।
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