पीटीआई, मुल्तान
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 28 Jun 2021 01:23 AM IST
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कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही 35 लाख अफगानिस्तानियों को शरण दे चुका है, लेकिन अब वह और शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेगा। वह मध्य मुल्तान शहर में आयोजित साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, हम और शरणार्थियों को नहीं ले सकते, हम अपनी सीमा बंद कर देंगे। हमें अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान देश में शांति के कूटनीतिक प्रयास जारी रखेगा और इसके लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए नेतृत्व का स्वागत करता रहेगा।
साल 1989 में तत्कालीन सोवियत संघ की वापसी के बाद मुजाहिदीन समूहों के बीच छिड़ी आपसी लड़ाई के चलते लाखों अफगानिस्तानी भागकर पाकिस्तान आ गए थे। अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिका नीत गठबंधन ने तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से उखाड़ फेंका था।
हालिया कुछ सप्ताह में तालिबान लड़ाकों ने दक्षिणी और उत्तरी अफगानिस्तान के विभिन्न जिलों पर कब्जा कर लिया है। साथ ही वह सरकारी सुरक्षा बलों को समर्पण कराने और उनके हथियार तथा सैन्य वाहनों को जब्त करने के प्रयास कर रहा है।
बता दें अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी शुरू होने के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्से तेजी से तालिबान के कब्जे में आते जा रहे हैं। तालिबान का कब्जा बढ़ने की रफ्तार इतनी तेज है कि इसका अंदाजा खुद उसके नेताओं को भी नहीं था। अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश का लगभग एक तिहाई भू-भाग अब तक तालिबान के कब्जे में आ चुका है। 42 फीसदी और हिस्सों को अपने कब्जे में लेने के लिए तालिबान लड़ाके युद्ध में जुटे हैं।
