वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Sat, 04 Dec 2021 12:37 PM IST
सार
श्रीलंका की संसद ने पाकिस्तान के सियालकोट की घटना की घोर निंदा की है। इसके साथ ही संसद ने वहां के अधिकारियों से देश में बाकी श्रीलंकाई प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। शुक्रवार को यहां एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
श्रीलंका की संसद ने की सियालकोट की घटनी की निंदा
– फोटो : social media
लाहौर से 100 किलोमीटर दूर सियालकोट में शुक्रवार को एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। इसके बाद उसके शव को जला दिया गया। श्रीलंका की संसद ने इस घटना की घोर निंदा की है। इसके साथ ही संसद ने वहां के अधिकारियों से देश में बाकी श्रीलंकाई प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इस घटना को लेकर श्रीलंकाई सरकार और विपक्ष दोनों एकजुट दिखे। दोनों ने पाकिस्तान में श्रीलंका के बाकी कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद के साथ बातचीत करने पर राजी हुए। उधर, शिक्षा मंत्री दिनेश गुणवर्धने ने संसद को बताया कि हमें खुशी है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इनरान खान ने इस घटना की घोर निंदा की। उन्होंने इस घटना को पाकिस्तान के लिए काला दिन बताया। वहीं, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्वीट कर कहा कि सियालकोट की घटना निश्चित रूप से बहुत दुखद और शर्मनाक है और किसी भी तरह से धार्मिक नहीं है। प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि मौलाना ताहिर अशरफी ने कहा कि ईशनिंदा के आरोप में फैक्टरी प्रबंधक की हत्या की घटना को दुखद और निंदनीय बताया है। उधर, वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस घटना की निंदा की है।
ईशनिंदा के आरोपों में हुई घटना
वहीं, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘प्रियांथा ने कथित तौर पर कट्टरपंथी टीएलपी का एक पोस्टर फाड़ दिया, जिसमें कुरान की आयतें लिखी हुई थीं और उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। इस्लामिक पार्टी का पोस्टर प्रियांथा के कार्यालय से सटी दीवार पर चिपकाया गया था। कारखाने के कुछ कर्मचारियों ने उन्हें हटाते हुए देखा था।’ अधिकारी ने आगे कहा कि ईशनिंदा की घटना से आक्रोशित सैकड़ों लोग आसपास के इलाकों से फैक्ट्री के बाहर जमा होने लगे। उनमें से ज्यादातर टीएलपी के कार्यकर्ता और समर्थक थे। अधिकारी ने कहा, ‘भीड़ ने प्रियांथा को कारखाने से खींच लिया और उसी पीट पीटी कर हत्या कर दी। इससे पहले कि पुलिस वहां पहुंचती उसके शव को जला दिया गया।’ इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकियों की गिरफ्तारी चल रही है।
एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने की निष्पक्ष जांच की मांग
उधर, वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। संस्था के मुताबिक इस्लाम को बदनाम करने को लेकर पाकिस्तान में काफी कड़ा कानून है और इसमें मौत की सजा का भी प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन कानूनों का अकसर निजी दुश्मनी साधने में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, अमेरिकी सरकार के सलाहकार पैनल की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के किसी भी देश की तुलना में पाकिस्तान में सबसे अधिक ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल होता है। बता दें कि श्रीलंकाई मूल के जिस नागरिक (प्रियांथा कुमारा) की हत्या की गई वह यहां के एक कारखाने में बतौर प्रबंधक कार्यरत थे।
विस्तार
लाहौर से 100 किलोमीटर दूर सियालकोट में शुक्रवार को एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। इसके बाद उसके शव को जला दिया गया। श्रीलंका की संसद ने इस घटना की घोर निंदा की है। इसके साथ ही संसद ने वहां के अधिकारियों से देश में बाकी श्रीलंकाई प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इस घटना को लेकर श्रीलंकाई सरकार और विपक्ष दोनों एकजुट दिखे। दोनों ने पाकिस्तान में श्रीलंका के बाकी कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद के साथ बातचीत करने पर राजी हुए। उधर, शिक्षा मंत्री दिनेश गुणवर्धने ने संसद को बताया कि हमें खुशी है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इनरान खान ने इस घटना की घोर निंदा की। उन्होंने इस घटना को पाकिस्तान के लिए काला दिन बताया। वहीं, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्वीट कर कहा कि सियालकोट की घटना निश्चित रूप से बहुत दुखद और शर्मनाक है और किसी भी तरह से धार्मिक नहीं है। प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि मौलाना ताहिर अशरफी ने कहा कि ईशनिंदा के आरोप में फैक्टरी प्रबंधक की हत्या की घटना को दुखद और निंदनीय बताया है। उधर, वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस घटना की निंदा की है।
ईशनिंदा के आरोपों में हुई घटना
वहीं, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘प्रियांथा ने कथित तौर पर कट्टरपंथी टीएलपी का एक पोस्टर फाड़ दिया, जिसमें कुरान की आयतें लिखी हुई थीं और उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। इस्लामिक पार्टी का पोस्टर प्रियांथा के कार्यालय से सटी दीवार पर चिपकाया गया था। कारखाने के कुछ कर्मचारियों ने उन्हें हटाते हुए देखा था।’ अधिकारी ने आगे कहा कि ईशनिंदा की घटना से आक्रोशित सैकड़ों लोग आसपास के इलाकों से फैक्ट्री के बाहर जमा होने लगे। उनमें से ज्यादातर टीएलपी के कार्यकर्ता और समर्थक थे। अधिकारी ने कहा, ‘भीड़ ने प्रियांथा को कारखाने से खींच लिया और उसी पीट पीटी कर हत्या कर दी। इससे पहले कि पुलिस वहां पहुंचती उसके शव को जला दिया गया।’ इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकियों की गिरफ्तारी चल रही है।
एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने की निष्पक्ष जांच की मांग
उधर, वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। संस्था के मुताबिक इस्लाम को बदनाम करने को लेकर पाकिस्तान में काफी कड़ा कानून है और इसमें मौत की सजा का भी प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन कानूनों का अकसर निजी दुश्मनी साधने में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, अमेरिकी सरकार के सलाहकार पैनल की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के किसी भी देश की तुलना में पाकिस्तान में सबसे अधिक ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल होता है। बता दें कि श्रीलंकाई मूल के जिस नागरिक (प्रियांथा कुमारा) की हत्या की गई वह यहां के एक कारखाने में बतौर प्रबंधक कार्यरत थे।
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