अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 22 Sep 2021 02:10 AM IST
सार
याचिका में कहा गया है कि एजेंसी तय अपराध में उत्पन्न होने वाले मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के संबंध में जांच शक्तियों को बढ़ा नहीं सकती क्योंकि इसकी जांच केवल कोलकाता में संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की जा सकती है।
अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा
– फोटो : Social Media
हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को पश्चिम बंगाल कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन मामले में राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने समन पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन अभिषेक बनर्जी की समन को चुनौती याचिका पर ईडी को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने अभिषेक व ईडी के वकील के तर्क सुनने के बाद फिलहाल समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए ईडी को तीन दिन में अपना लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई 27 सिंब तय की है।
ईडी के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं और इसकी जांच किसी पुलिस स्टेशन या क्षेत्र तक सीमित नहीं है।
वहीं याची के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि बनर्जी और उनकी पत्नी दोनों का नाम न तो सीबीआई की प्राथमिकी में है और न ही ईडी द्वारा पीएमएलए की धारा 45 के तहत नई दिल्ली में दर्ज शिकायत में।
याचिका में ईडी द्वारा 10 सितंबर 2021 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 की धारा 50 के तहत जारी समन को रद्द करने और ईडी को उन्हें नई दिल्ली में बुलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याची ने कहा कि ईडी को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में ही जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
सीबीआई ने कुछ व्यक्तियों द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य में किए गए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी के कथित अपराधों के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके तहत ईडी ने नई दिल्ली स्थित हेड इन्वेस्टिगेटिव यूनिट में ईसीआईआर दर्ज किया है।
विस्तार
हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को पश्चिम बंगाल कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन मामले में राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने समन पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन अभिषेक बनर्जी की समन को चुनौती याचिका पर ईडी को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने अभिषेक व ईडी के वकील के तर्क सुनने के बाद फिलहाल समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए ईडी को तीन दिन में अपना लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई 27 सिंब तय की है।
ईडी के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं और इसकी जांच किसी पुलिस स्टेशन या क्षेत्र तक सीमित नहीं है।
वहीं याची के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि बनर्जी और उनकी पत्नी दोनों का नाम न तो सीबीआई की प्राथमिकी में है और न ही ईडी द्वारा पीएमएलए की धारा 45 के तहत नई दिल्ली में दर्ज शिकायत में।
याचिका में ईडी द्वारा 10 सितंबर 2021 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 की धारा 50 के तहत जारी समन को रद्द करने और ईडी को उन्हें नई दिल्ली में बुलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याची ने कहा कि ईडी को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में ही जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
सीबीआई ने कुछ व्यक्तियों द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य में किए गए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी के कथित अपराधों के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके तहत ईडी ने नई दिल्ली स्थित हेड इन्वेस्टिगेटिव यूनिट में ईसीआईआर दर्ज किया है।
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