बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 28 Oct 2020 02:44 PM IST
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कुछ क्षेत्रों में बेहतर स्थिति
उन्होंने कहा कि, ‘हम 2021-22 में बेहतर करेंगे। हमारा प्रदर्शन दुनिया के बड़े हिस्से के मुकाबले बेहतर होगा। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि महामारी से कैसे राहत मिलती है। इसको लेकर अनिश्चितता है।’ कुमार ने कहा कि हो सकता है कि पूरी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नहीं हों, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बेहतर स्थिति देखने को मिल रही है।
इसमें माल ढुलाई, बिजली मांग, कृषि उत्पादन में वृद्धि तथा अन्य आंकड़े शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी, लेकिन गिरावट की गति धीमी होगी। कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि दर सकारात्मक होगी। उन्होंने कहा, ‘मेरा अनुमान है कि 2021-22 में मजबूत वृद्धि देखने को मिलेगी। मैं यह ठोस आधार पर उम्मीद जमा रहा हूं। हमने छह से सात महीनों (महामारी के दौरान) में कई संरचनात्मक सुधार किए। इसमें एफडीआई नियम, श्रम कानून और कृषि क्षेत्र शामिल हैं।’
संरचनात्मक सुधारों से मिलेगी मदद
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि संरचनात्मक सुधारों से भारत को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सकारात्मक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। अगले वित्त वर्ष में यह और बेहतर होगा। उन्होंने कहा, ‘हमें जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट को लेकर हताश नहीं होना चाहिए। अभी कई उपाय (पैकेज) पाइपलाइन में हैं।’
कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का आत्मनिर्भर अभियान का मतलब वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग-थलग होना नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत अपने उद्यमियों के लिए समान अवसर चाहता है ताकि निर्यात को बढ़ाया जा सके।