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इससे पहले इस याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा था कि यदि नई पॉलिसी से किसी की निजता भंग होती है तो वह एप को डिलीट कर दे। कोर्ट ने कहा था, ‘यह एक प्राइवेट एप है और यदि आपको अपनी गोपनियता के बारे में ज्यादा चिंता है तो आप व्हाट्सएप का इस्तेमाल बंद कर दें और दूसरा एप इस्तेमाल करें। यह स्वैच्छिक चीज है।’
जनहित याचिका में क्या है?
व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी और सेवा शर्तों को लेकर एक वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि इसके खिलाफ सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए, क्योंकि यह संविधान द्वारा दी गई निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा था कि फेसबुक के स्वामित्व वाला व्हाट्सएप लोगों की निजी जानकारियों को साझा करना चाहता है, ऐसे में उस पर रोक लगाना जरूरी है।
व्हाट्सएप की नई पॉलिसी तीन महीने के लिए टाली गई
बता दें कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी 8 फरवरी 2021 से लागू होने वाली थी लेकिन फिलहाल कंपनी ने इसे तीन महीने के लिए टाल दिया है। नई पॉलिसी को लेकर व्हाट्सएप ने कहा है कि उससे निजी चैट प्रभावित नहीं होंगी। कंपनी ने कहा था कि नई पॉलिसी को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। व्हाट्सएप स्टेटस अपडेट और विज्ञापन के जरिए भी नई पॉलिसी को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है।
