टेक, डेस्क अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 21 Nov 2020 12:19 PM IST
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पुरोहित द्वारा दिए गए अध्यादेश में उन व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है, जो कंप्यूटर या किसी संचार उपकरण या संसाधन का उपयोग करके सट्टेबाजी करते हैं या सट्टेबाजी जैसे गेम खेलते हैं। कुछ दिन पहले ही कोयंबटूर में एक शख्स ने ऑनलाइन गेम रमी में पैसे गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने हाल ही में कहा था कि सरकार राज्य में इस तरह की गतिविधियों में पैसे गंवाने वाले लोगों की आत्महत्याओं और कई शिकायतों के बाद ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठा रही है। मद्रास हाई कोर्ट में भी ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सुनावाई चल रही है।
तमिलनाडु सरकार की अधिसूचना के मुताबिक यदि कोई सट्टेबाजी से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग में दोषी पाया जाता है तो उसके ऊपर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा और छह महीने की जेल की सजा भी हो सकती है। वहीं इस तरह के गेम का आयोजन करने वालों पर 10,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान है।
बता दें कि इससे पहले आंध्र प्रदेश में भी ऑनलाइन गैंबलिंग गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए एपी गेमिंग एक्ट 1974 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। पहली बार पकड़े जाने पर ऐसे ऑनलाइन गेम्स के आयोजकों को एक साल की कैद की सजा होगी।
राज्य के सूचना मंत्री पेर्नी वेंकटरामैया के मुताबिक अगर आयोजक (ऑनलाइन जुआ खेल के) दूसरी बार पकड़े जाते हैं, तो उन्हें दो साल की जेल और जुर्माने से दंडित किया जाएगा। वहीं, उन्होंने कहा कि ऑनलाइन जुआ खेलने वालों को छह महीने की कैद की सजा होगी।
