पीटीआई, जिनेवा
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 28 Jun 2021 12:34 AM IST
टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस
– फोटो : Facebook
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डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को कहा कि टीकों के आवंटन के लिए बनाए गए परामर्श समूह की एक हालिया बैठक में चर्चा के लिए कुछ नहीं था।
उनके शब्दों में, आवंटित करने के लिए कोई टीका नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ दानदाताओं द्वारा व्यक्त की गई अफ्रीकी देशों के पास टीका देने के लिए अवसंरचना न होने और टीकों को लेकर लोगों में हिचकिचाहट जैसी चिंताएं अप्रासंगिक हैं। उन्होंने अमीर राष्ट्रों की आलोचना की, जो इसे टीके दान न करने के लिए एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
बता दें, देश में कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और ऐसा बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के पीछे डेल्टा प्लस वैरिएंट ही हो सकता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर कई जानकार कह चुके हैं कि ये कोरोना वायरस का अबतक का सबसे ज्यादा संक्रामक म्यूटेंट है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इससे निपटने के लिए पहले से ही महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। संगठन का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट को अगर फैलने से रोकना है तो इसके लिए वैक्सीन के साथ-साथ मास्क और दो गज दूरी जैसे कदम भी उठाने होंगे।
संगठन का कहना है कि वैक्सीनेशन के साथ-साथ मास्क भी बहुत जरूरी है क्योंकि डेल्टा के खिलाफ सिर्फ वैक्सीन असरदार नहीं है। हमें छोटे समय में ही तैयारियां करनी होंगी, नहीं तो एक बार फिर लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ेगा। यूट्यूब के एक शो में विश्व स्वास्थ्य संगठन के रूस के प्रतिनिधि मेलिटा वुजनोविक ने ये सब जानकारी दी।
वुजनोविक ने कहा कि वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है क्योंकि इससे संक्रमण की दर कम हो जाती है और बीमारी के गंभीर होने की संभावना भी घटती है। बता दें कि डेल्टा प्लस वैरिएंट काफी आसानी से फैल जाता है और फेफड़ों तक भी आसानी से पहुंच जाता है। बता दें कि गले से लेकर फेफड़ों तक जाने में डेल्टा प्लस वैरिएंट को ज्यादा समय नहीं लगता है।
