अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Updated Mon, 02 Nov 2020 05:32 AM IST
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कर्णम मल्लेश्वरी आज भी यह कहती हैं कि सिडनी ओलंपिक के दौरान अगर कोच ने उनको कम वजन दिया होता तो उन्हें कांस्य नहीं बल्कि स्वर्ण या रजत मिलता। इस बार मीराबाई चानू भी टोक्यो ओलंपिक में पदक की दावेदार हैं। भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ को डर है कि अकेले कोच से कहीं वजन की गणना में चूक हुई तो किए कराए पर पानी फिर जाएगा।
संघ के महासचिव सहदेव यादव ने संसदीय समिति के चेयरमैन विनय सहस्रबुद्धे के अलावा भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरेंदर बत्रा से कहा है कि टोक्यो में मीरा के साथ चीफ कोच विजय शर्मा के अलावा एक अतिरिक्त कोच और फीजियो होना जरूरी है। विजय मीरा के साथ प्लेटफार्म पर और ट्रेनिंग में रहेंगे। ऐसे में मीरा को अगले प्रयास में कितना वजन उठाना है। इसकी गणना विरोधियों के प्रदर्शन को देख एकदम दुरुस्त होनी चाहिए। इसमें जरा सी चूक प्रदर्शन पर असर डाल सकती है।
रास्ता निकालेगी आईओए :
नियमों के अनुसार ओलंपिक में एक खिलाड़ी के साथ तीन सपोर्ट स्टाफ एक्रिडिटेशन (मान्यता कार्ड) नहीं मिलता है। लेकिन आईओए के साथ खेल मंत्रालय और साई ने भी फेडरेशन को साफ किया है कि वह मीरा की पदक की संभावनाओं को देखते हुए कुछ रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।
30 सेकंड में लेना होता है फैसला :
वेटलिफ्टर का प्रदर्शन कोच की ओर से दिए गए वजन पर निर्भर करता है। स्नैच और क्लीन एंड जर्क में लिफ्टर को तीन-तीन प्रयास दिए जाते हैं। एक प्रयास के बाद अगले में वजन बदलने के लिए कोच के पास महज 30 सेकंड होते हैं। वजन बदलना पूरी तरह से माइंड गेम होता है। जो विरोधी के प्रदर्शन के आधार पर कोच को करना होता है।
कर्णम मल्लेश्वरी आज भी यह कहती हैं कि सिडनी ओलंपिक के दौरान अगर कोच ने उनको कम वजन दिया होता तो उन्हें कांस्य नहीं बल्कि स्वर्ण या रजत मिलता। इस बार मीराबाई चानू भी टोक्यो ओलंपिक में पदक की दावेदार हैं। भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ को डर है कि अकेले कोच से कहीं वजन की गणना में चूक हुई तो किए कराए पर पानी फिर जाएगा।
संघ के महासचिव सहदेव यादव ने संसदीय समिति के चेयरमैन विनय सहस्रबुद्धे के अलावा भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरेंदर बत्रा से कहा है कि टोक्यो में मीरा के साथ चीफ कोच विजय शर्मा के अलावा एक अतिरिक्त कोच और फीजियो होना जरूरी है। विजय मीरा के साथ प्लेटफार्म पर और ट्रेनिंग में रहेंगे। ऐसे में मीरा को अगले प्रयास में कितना वजन उठाना है। इसकी गणना विरोधियों के प्रदर्शन को देख एकदम दुरुस्त होनी चाहिए। इसमें जरा सी चूक प्रदर्शन पर असर डाल सकती है।
रास्ता निकालेगी आईओए :
नियमों के अनुसार ओलंपिक में एक खिलाड़ी के साथ तीन सपोर्ट स्टाफ एक्रिडिटेशन (मान्यता कार्ड) नहीं मिलता है। लेकिन आईओए के साथ खेल मंत्रालय और साई ने भी फेडरेशन को साफ किया है कि वह मीरा की पदक की संभावनाओं को देखते हुए कुछ रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।
30 सेकंड में लेना होता है फैसला :
वेटलिफ्टर का प्रदर्शन कोच की ओर से दिए गए वजन पर निर्भर करता है। स्नैच और क्लीन एंड जर्क में लिफ्टर को तीन-तीन प्रयास दिए जाते हैं। एक प्रयास के बाद अगले में वजन बदलने के लिए कोच के पास महज 30 सेकंड होते हैं। वजन बदलना पूरी तरह से माइंड गेम होता है। जो विरोधी के प्रदर्शन के आधार पर कोच को करना होता है।
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