बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Wed, 11 Aug 2021 12:52 PM IST
सार
जब किसी खाते में लगातार दो साल या उससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो वह खाता इनऑपरेटिव या निष्क्रिय हो जाता है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना
– फोटो : https://pmjdy.gov.in/home
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विस्तार
कब इनऑपरेटिव होता है खाता?
मालूम हो कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, जब किसी खाते में लगातार दो साल या उससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो वह खाता इनऑपरेटिव हो जाता है। यानी ये 5.82 करोड़ जन धन खाते ऐसे हैं, जिनमें कम से कम 2 साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ है।
क्यों है चिंता का विषय?
ये चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि सरकार की सभी वेलफेयर स्कीम और ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत इन्हीं खातों में पैसे भेजे जाते हैं। खाता इनऑपरेटिव होने का मतलब यह है कि इसके तहत आपके खाते में पैसे तो आ सकते हैं, लेकिन वो पैसे आप निकाल नहीं पाएंगे। ऐसे में लेनदेन के लिए आपको इसे दोबारा एक्टिवेट कराना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन धन योजना के बारे में कहा था कि यह पहल ‘बदलाव लाने वाली’ रही है और यह गरीबी उन्मूलन के लिए उठाए गए कदमों की नींव साबित हुई है। भारतीय जनता पार्टी के 2014 में सत्ता में आने के बाद, यह सरकार की पहली बड़ी योजना थी जिसके तहत करोड़ों लोगों खासकर गरीबों के बैंक खाते खोले गए। यह पहल महत्त्वपूर्ण बदलाव लाने वाली रही, गरीबी उन्मूलन की कई पहलों की नींव साबित हुई और इसने करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाया।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना के बारे में कहा था कि, ‘जन धन योजना मोदी सरकार की जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है। चाहे वह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो, कोविड-19 वित्तीय सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत वेतन में वृद्धि हो या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर, पहला कदम था कि सभी व्यस्क को बैंक खाता मुहैया कराना, जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।’