videsh

चीन में कानाफूसी: सीसीपी के शताब्दी वर्ष समारोह को ‘वन मैन शो’ बना दिया शी जिनपिंग ने

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Fri, 09 Jul 2021 04:09 PM IST

सार

पर्यवेक्षकों ने कहा है कि शी ने अपनी छवि माओ जैसी पेश करने की कोशिश कर चीन की जनता की प्रतिक्रिया भांपने की कोशिश की है। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि क्या देश उन्हें अधिक शक्ति सौंपने और उन्हें माओ जैसा दर्जा देने को तैयार है..

ख़बर सुनें

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की सौवीं सालगिरह के हफ्ते भर तक चले समारोहों का साफ संदेश यह रहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने को चेयरमैन माओ जे दुंग के बाद चीन के सबसे बड़े नेता के रूप में पेश किया है। सीपीसी ने एक जुलाई को अपनी सौवीं सालगिरह मनाई। उस रोज बीजिंग के एतिहासिक तियानामेन चौराहे पर 70 हजार लोगों की सभा को शी ने संबोधित किया।

विश्लेषकों के मुताबिक इस सभा के दौरान शी ने माओ का अंदाज अपनाने की कोशिश की। उन्होंने माओ की तरह ही हाथ उठा कर लोगों का अभिवादन किया। माओ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक नेता माने जाते हैं। पर्यवेक्षकों ने कहा है कि शी ने अपनी छवि माओ जैसी पेश करने की कोशिश कर चीन की जनता की प्रतिक्रिया भांपने की कोशिश की है। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि क्या देश उन्हें अधिक शक्ति सौंपने और उन्हें माओ जैसा दर्जा देने को तैयार है?

वर्षों से चीन को कवर करने वाले एक पत्रकार ने टोक्यो से चलने वाली वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम में छपी एक टिप्पणी में लिखा है कि ये पूरा समारोह एक व्यक्ति पर केंद्रित रहा। उधर कई दूसरे विदेशी टीकाकारों ने अपनी टिप्पणियों में ध्यान दिलाया कि शी संविधान से ये प्रावधान पहले ही हटा चुके हैं, जिसके तहत कोई व्यक्ति पांच साल के दो कार्यकाल से अधिक समय तक राष्ट्रपति नहीं रह सकता था। अब जबकि सीपीसी की पांच साल पर होने वाली अगली कांग्रेस (महाधिवेशन) 2022 में होगी, तो पूरी संभावना है कि शी को एक और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा।

बल्कि अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि अगले कार्यकाल में शी सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और राष्ट्रपति के रूप में ही अपनी भूमिका बनाए रखेंगे या वे चेयरमैन के दर्जे को दोबारा शुरू करवाएंगे। ये दर्जा चीन में अब तक सिर्फ माओ को मिला है। उनकी मृत्यु के बाद इसे खत्म करने का फैसला किया गया था। विश्लेषकों का कहना है कि इस बारे में जनता के मूड को भांपने की कोशिश में ही शी ने सीपीसी के शताब्दी समारोहों में माओ जैसा अंदाज अपनाया।

चीन में आधिकारिक रूप से कोई जनमत संग्रह नहीं होता है। इसलिए किसी नेता की लोकप्रियता का स्तर क्या है, इसे जानना मुश्किल बना रहता है। लेकिन हाल में हुए कुछ अध्ययनों से सामने आया है कि शी की लोकप्रियता हाल के वर्षों में लगातार बढ़ी है। इसमें उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों की खास भूमिका रही है। पिछले साल चीन ने जितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से कोरोना महामारी पर काबू पा लिया, उससे भी शी की लोकप्रियता बढ़ी बताई जाती है। चीनी मीडिया ने इस तरफ खास ध्यान खींचा कि एक जुलाई को तियानानमेन चौराहे पर जुटे 70 हजार लोगों ने मास्क नहीं पहना था। इसे कोरोना महामारी के खिलाफ चीन की कामयाबी के तौर पर पेश किया गया।

वेबसाइट निक्कई एशिया में छपे एक विश्लेषण में कहा गया है कि पार्टी की सौवीं सालगिरह पर शी ने देश को यह संदेश दिया कि वही वे व्यक्ति हैं, जो चीन के एतिहासिक मिशन को पूरा कर सकते हैं। शी ने पीपुल्स रिपब्लिकन की स्थापना की सौवीं सालगिरह यानी 2049 तक चीन को एक समृद्ध, आधुनिक और तकनीकी रूप से पूर्ण सक्षम देश बनाने का संकल्प जता रखा है। शताब्दी के मौके पर उनका संदेश रहा कि इस मंजिल तक सिर्फ उनके नेतृत्व में ही पहुंचा जा सकता है।

विस्तार

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की सौवीं सालगिरह के हफ्ते भर तक चले समारोहों का साफ संदेश यह रहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने को चेयरमैन माओ जे दुंग के बाद चीन के सबसे बड़े नेता के रूप में पेश किया है। सीपीसी ने एक जुलाई को अपनी सौवीं सालगिरह मनाई। उस रोज बीजिंग के एतिहासिक तियानामेन चौराहे पर 70 हजार लोगों की सभा को शी ने संबोधित किया।

विश्लेषकों के मुताबिक इस सभा के दौरान शी ने माओ का अंदाज अपनाने की कोशिश की। उन्होंने माओ की तरह ही हाथ उठा कर लोगों का अभिवादन किया। माओ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक नेता माने जाते हैं। पर्यवेक्षकों ने कहा है कि शी ने अपनी छवि माओ जैसी पेश करने की कोशिश कर चीन की जनता की प्रतिक्रिया भांपने की कोशिश की है। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि क्या देश उन्हें अधिक शक्ति सौंपने और उन्हें माओ जैसा दर्जा देने को तैयार है?

वर्षों से चीन को कवर करने वाले एक पत्रकार ने टोक्यो से चलने वाली वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम में छपी एक टिप्पणी में लिखा है कि ये पूरा समारोह एक व्यक्ति पर केंद्रित रहा। उधर कई दूसरे विदेशी टीकाकारों ने अपनी टिप्पणियों में ध्यान दिलाया कि शी संविधान से ये प्रावधान पहले ही हटा चुके हैं, जिसके तहत कोई व्यक्ति पांच साल के दो कार्यकाल से अधिक समय तक राष्ट्रपति नहीं रह सकता था। अब जबकि सीपीसी की पांच साल पर होने वाली अगली कांग्रेस (महाधिवेशन) 2022 में होगी, तो पूरी संभावना है कि शी को एक और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा।

बल्कि अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि अगले कार्यकाल में शी सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और राष्ट्रपति के रूप में ही अपनी भूमिका बनाए रखेंगे या वे चेयरमैन के दर्जे को दोबारा शुरू करवाएंगे। ये दर्जा चीन में अब तक सिर्फ माओ को मिला है। उनकी मृत्यु के बाद इसे खत्म करने का फैसला किया गया था। विश्लेषकों का कहना है कि इस बारे में जनता के मूड को भांपने की कोशिश में ही शी ने सीपीसी के शताब्दी समारोहों में माओ जैसा अंदाज अपनाया।

चीन में आधिकारिक रूप से कोई जनमत संग्रह नहीं होता है। इसलिए किसी नेता की लोकप्रियता का स्तर क्या है, इसे जानना मुश्किल बना रहता है। लेकिन हाल में हुए कुछ अध्ययनों से सामने आया है कि शी की लोकप्रियता हाल के वर्षों में लगातार बढ़ी है। इसमें उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों की खास भूमिका रही है। पिछले साल चीन ने जितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से कोरोना महामारी पर काबू पा लिया, उससे भी शी की लोकप्रियता बढ़ी बताई जाती है। चीनी मीडिया ने इस तरफ खास ध्यान खींचा कि एक जुलाई को तियानानमेन चौराहे पर जुटे 70 हजार लोगों ने मास्क नहीं पहना था। इसे कोरोना महामारी के खिलाफ चीन की कामयाबी के तौर पर पेश किया गया।

वेबसाइट निक्कई एशिया में छपे एक विश्लेषण में कहा गया है कि पार्टी की सौवीं सालगिरह पर शी ने देश को यह संदेश दिया कि वही वे व्यक्ति हैं, जो चीन के एतिहासिक मिशन को पूरा कर सकते हैं। शी ने पीपुल्स रिपब्लिकन की स्थापना की सौवीं सालगिरह यानी 2049 तक चीन को एक समृद्ध, आधुनिक और तकनीकी रूप से पूर्ण सक्षम देश बनाने का संकल्प जता रखा है। शताब्दी के मौके पर उनका संदेश रहा कि इस मंजिल तक सिर्फ उनके नेतृत्व में ही पहुंचा जा सकता है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

17
videsh

भूकंप : तजाकिस्तान में महसूस किए गए झटके, रिक्टर स्केल पर 4.1 रही तीव्रता

13
videsh

पाकिस्तान: राष्ट्रपति आरिफ ने अलापा राग- भारत पर आतंकी हमले करवाने का लगाया आरोप

13
Desh

पढ़ें 8 जुलाई के मुख्य और ताजा समाचार – लाइव ब्रेकिंग न्यूज़

13
Entertainment

जन्मदिन: कार्ड छपने के बाद भी सलमान संग फेरे नहीं ले पाई थीं संगीता बिजलानी, इस क्रिकेटर से की थी शादी

13
Business

Petrol Diesel Price: नहीं थमा सिलसिला, आज फिर लगी पेट्रोल-डीजल के दामों में आग

13
Desh

नई पारी की शुरुआत: नए मंत्री संभाल रहे अपने मंत्रालय का कामकाज, अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव ने शुरू किया काम

12
Desh

पढ़ें 9 जुलाई के मुख्य और ताजा समाचार – लाइव ब्रेकिंग न्यूज़

12
Sports

भारतीय क्रिकेट टीम का गब्बर

11
videsh

अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी: राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा अभियान

11
videsh

मलयेशिया: फिर राजनीतिक संकट, गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी ने वापस लिया समर्थन

11
Entertainment

नहीं रहे हॉरर फिल्मों के शहंशाह: कुमार रामसे का 85 साल की उम्र में निधन

To Top
%d bloggers like this: