Business

कोरोना काल : महामारी के संकट में फिर मिल सकता है मोरेटोरियम का लाभ

कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच एक बार फिर लोन मोरेटोरियम की जरूरत को लेकर आवाज उठने लगी है। बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का भी मानना है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए आरबीआई को एक बार फिर मोरेटोरियम या उसकी तरह ही राहत वाला कदम उठाना चाहिए।

सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक के डिप्टी महानिदेशक सुरेश खटनहार का कहना है कि राज्यों ने एक बार फिर से लॉकडाउन लगाना शुरू कर दिया है। ऐसे में कर्जधारकों को मोरेटोरियम जैसी या मोरेटोरियम की ही जरूरत आन पड़ी है। आरबीआई को इस बारे में जल्द ही कोई फैसला लेना होगा।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) और खुदरा क्षेत्र पर इसका बहुत असर दिख रहा है। इस क्षेत्र के बड़ी संख्या में कर्मचारी संक्रमण से ग्रसित हैं और कई अपने घरों को लौट चुके हैं।

दूसरी ओर, महामारी से फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालात बिगड़ते देख दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने लॉकडाउन लगाना शुरू कर दिया है, जबकि कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू है।

इन पाबंदियों का असर कारोबार पर भी दिखने लगा है। लोगों और उद्योग जगत की कमाई पर असर पड़ा तो कर्ज चुकाना फिर मुश्किल हो जाएगा। बैड लोन जैसी समस्याओं से निपटने के लिए मोरेटोरियम जैसी राहत की निश्चित तौर पर जरूरत पड़ेगी।

एमएसएमई पर ज्यादा असर, मदद जरूरी
एसबीआई के पूर्व डिप्टी महानिदेशक बीवी चौबल ने कहा, दूसरी लहर पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो एमएसएमई क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। इस क्षेत्र को एक बार फिर बड़ी मदद की दरकार होगी।

अगर लॉकडाउन जैसे हालात अन्य राज्यों में भी बनते हैं तो केंद्रीय बैंक को फिर मदद के लिए आगे आना होगा। पिछली बार राहत पैकेज की वजह से बैंकों पर ज्यादा दबाव नहीं बढ़ा था। इस बार बैंक अपना एनपीए बढ़ने की चिंता से पहले ही दबाव में हैं। इस कारण बिना मदद मिले बैंक भी अपनी तरफ से खास कुछ नहीं कर सकेंगे। 

बैंककर्मियों की सुरक्षा और स्थानीय हालात को देखते हुए फैसला ले बैंकर्स समिति : आईबीए 
बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के संयोजकों से स्थानीय स्थिति को देखते हुए कामकाज संबंधी निर्णय लेने को कहा है।

आईबीए ने 21 अप्रैल, 2021 को हुई विशेष प्रबंधन समिति की बैठक के बाद एसएलबीसी संयोजकों को राज्यों में महामारी की स्थिति और जरूरतों के मुताबिक बैंक शाखाओं की मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) में सुधार करने का सुझाव दिया है।

संघ के सीईओ सुनीत मेहता ने बैंक प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा, एसएलबीसी संयोजक मुख्य चिकित्सा अधिकारी और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों से मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श करने के बाद बैंकों को परामर्श जारी करें।

स्थानीय स्तर पर दी जाने वाली सलाह अधिक व्यावहारिक और उपयोगी साबित होगी। उधर, नौ बैंक यूनियनों के प्रमुख मंच ’यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस’ (यूएफबीयू)’ का कहना है कि प्रत्येक बैंक में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में बैंकरों को बीमार होने पर अस्पताल में बिस्तर और ऑक्सीजन आपूर्ति मिलना मुश्किल हो रहा है। इसलिए स्थिति में सुधार होने तक सार्वजनिक कामकाज का समय घटाकर प्रतिदिन तीन घंटे किया जाना चाहिए।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

17
Desh

सुप्रीम कोर्ट: जीएसटी कानून के तहत बैंक खाते, संपत्ति जब्ती का आदेश कठोर फैसला

15
videsh

यूएई ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने की मोहलत दी

14
Entertainment

कानन देवी: ये हैं पहली भारतीय फीमेल स्टार, जानें क्यों इनकी शादी के खिलाफ हो गया था पूरा समाज

14
Desh

चुनावी घमासान: ममता बोलीं, बंगाल को दंगाइयों के हाथ में मत देना

14
videsh

चाड: राष्ट्रपति इदरिस डेबी की लड़ाई के मैदान में घायल होने के बाद मौत

13
Desh

पश्चिम बंगाल: रेलवे के 90 ड्राइवर कोरोना संक्रमित, ट्रेनों का संचालन प्रभावित

13
Desh

Coronavirus Update Today 21 April : चंद मिनटों में सुनिए कोरोना वायरस से जुड़ी हर खबर

13
Tech

6G, IOT और AI पर एक साथ काम कर रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया, जियो भी है शामिल

13
Desh

तेलंगाना: सरकार ने मंगलवार से 30 अप्रैल तक लगाया नाइट कर्फ्यू, रात नौ से सुबह पांच बजे तक रहेगी पाबंदी

13
Desh

शर्मनाक: रेमडेसिविर-ऑक्सीजन की कालाबाजारी…जिंदगी-मौत की सौदेबाजी और कितना गिरेगा इंसान

To Top
%d bloggers like this: