डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 15 Jan 2022 08:52 PM IST
सार
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की मांगों को लेकर आवाज उठाने वाले पूर्व सीएपीएफ कर्मी रणबीर सिंह का कहना है, एसएससी की लापरवाही के चलते हजारों मेडिकल पास युवा हुए ‘ओवरएज’ हो चुके हैं। सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अब 21 जनवरी को ट्विटर पर अभियान शुरू किया जाएगा…
एसएससी जीडी अभ्यर्थी
– फोटो : Amar Ujala (File Photo)
ख़बर सुनें
विस्तार
रणबीर सिंह ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, 55 हजार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर 50-50 का खेल खेला गया। एसएससी द्वारा भर्ती के नाम पर सरकारी लालफीताशाही के शिकार तीन-चौथाई युवाओं के सभी चांस खत्म हो गए हैं। खास बात ये है कि इन युवाओं ने तीनों चक्रव्यूह यानी लिखित, फिजिकल व मेडिकल बाधाएं पार कर ली थीं। इन युवाओं के हक की लड़ाई में पूर्व अर्धसैनिक इसलिए आगे आए कि आने वाले कल में उपरोक्त युवा देश की सरहदों का सुरक्षा भार अपने कंधों पर उठाएंगे। ये युवा, हमारे पैरामिलिट्री परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगे। इससे पहले 12 नवंबर 2020 को 5,000 एसएससी जीडी युवाओं ने दिल्ली में राजघाट तक शांतिपूर्ण तरीके से मार्च किया था। इसके बाद डीजी सीआरपीएफ ‘नोडल एजेंसी’, एसएससी चेयरमैन और राष्ट्रपति भवन में ज्ञापन सौंप कर मेडिकल प्रक्रिया फिर से शुरू करने की मांग की गई।
24 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराया गया कि एसएससी भर्ती परिणाम जल्द घोषित नहीं हुए तो युवा 14 फरवरी 2021 को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। हालांकि 21 जनवरी को नतीजे जारी कर दिए गए। इसमें 50 फीसदी युवाओं को मेडिकल पास होने के बाद मझदार में छोड़ दिया गया। साठ हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती होनी थी। सरकार ने केवल 54 हजार पदों के लिए नियुक्ति पत्र जारी किया। लगभग 55 हजार ऐसे युवा पीछे रह गए, जो भर्ती की मेडिकल प्रक्रिया पास कर चुके थे। चूंकि भर्ती का नतीजा चार साल में आया, इसलिए उनके पास दूसरा चांस भी नहीं बचा। वजह, वे ओवरएज हो चुके हैं। उनके लिए केवल यही भर्ती है, जिसके माध्यम से वे सीएपीएफ में भर्ती होने का सपना पूरा कर सकते हैं। सरकार के पास पर्याप्त रिक्तियां हैं। इन युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया जा सकता है।
बतौर रणबीर सिंह, इनकी मांग को लेकर उनका प्रतिनिधिमंडल पांच बार गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात कर चुका है। केंद्रीय गृह सचिव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रपति से मुलाकात कर नियुक्ति पत्र जारी करने की अपील की गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बयान दिया था कि पिछले सात वर्षों में केंद्रीय सुरक्षा बलों में अनेक जवानों ने नौकरी छोड़ी है। अब तो दो लाख से ज्यादा सिपाहियों के पद खाली हैं। अगर स्टाफ सलेक्शन कमीशन चाहता तो नई भर्ती प्रक्रिया 2021 शुरू किए बिना पहले से मौजूद मेडिकल पास 55 हजार युवाओं को भर्ती कर सकता था। ऐसा नहीं किया गया। अब मजबूरन इन अभ्यर्थियों को सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचानी पड़ रही है।