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इंडोनेशिया: पांच साल में शिक्षक ने 13 लड़कियों के साथ किया दुष्कर्म, राष्ट्रपति तक पहुंचा मामला, मिली उम्रकैद की सजा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जकार्ता
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 15 Feb 2022 07:20 PM IST

सार

Indonesia Teacher Gets Life In Jail For Raping Students coming from Poor families Impregnating news and updates- सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि इस हैवान शिक्षक ने जिन लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया, उनमें से आठ गर्भवती हो गई थीं। इसके बावजूद मामला कई साल तक दबा रहा।

दुष्कर्म का मामला।
– फोटो : amar ujala

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विस्तार

इंडोनेशिया की अदालत ने पांच साल में 13 लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बताया गया है कि यह मामला पश्चिमी जावा के बांदुंग का है, जहां एक शिक्षक ने गरीब परिवारों से स्कॉलरशिप पर पढ़ने आई लड़कियों के साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं। बांदुंग की जिला अदालत ने शिक्षक को सभी मामलों में दोषी पाते हुए उसे पूरा जीवन जेल में काटने की सजा दी है। 

सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि इस हैवान शिक्षक ने जिन लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया, उनमें से आठ गर्भवती हो गई थीं। इसके बावजूद मामला कई साल तक दबा रहा। दोषी का नाम हेरी वीरावन बताया गया है। उसके खिलाफ पहली बार शिकायत पिछले साल दर्ज हुई, जब एक छात्रा के परिवार ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ वीरावन ने दुष्कर्म किया, जिसकी वजह से वह गर्भवती हो गई। 

उम्रकैद के साथ आर्थिक दंड भी लगाया गया

वीरावन ने पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों से माफी भी मांगी है। दोषी पर 11 से 14 साल के बीच की 13 छात्राओं से दुष्कर्म का आरोप था। उसने 2016 से 2021 के बीच इन वारदातों को अंजाम दिया, इस दुष्कर्म से पीड़ित छात्राओं ने करीब नौ बच्चों को जन्म दिया। बांदुंग जिला अदालत की तीन जजों की बेंच ने वीरावन को बाल संरक्षण कानून और आपराधिक संहिता के उल्लंघन का दोषी ठहराया। साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बाल संरक्षण मंत्रालय से पीड़ित छात्राओं को संयुक्त तौर पर 33.1 करोड़ रुपये (23,200 डालर) देने का आदेश दिया है।

राष्ट्रपति ने खुद लिया था मामले का संज्ञान

इस मामले के सामने आने के बाद पूरे इंडोनेशिया में शिक्षक के खिलाफ प्रदर्शन हुए। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस मामले का राष्ट्रपति जोको विदोदो ने खुद संज्ञान लिया और दोषी को सजा दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। बताया गया है कि अभियोजन पक्ष ने शिक्षक को नपुंसक बनाने या मौत की सजा देने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।

शिक्षक के खिलाफ आवाज उठाने से डर रहे थे अभिभावक

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक, कई पीड़ितों ने मामले की रिपोर्ट करने से इनकार कर दिया। क्योंकि वो एक बार फिर से उस खौफनाक अनुभव को लेकर बात नहीं करना चाहते थे। वेस्ट जावा पुलिस ने पिछले साल मई में एक पीड़िता के अभिवावकों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद मामले की जांच शुरू की थी। उसी दौरान दोषी स्कूल प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया। पीड़ित छात्रा ने छुट्टियों के दौरान घर आने पर पूरे मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी थी।

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