एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 05 Oct 2021 06:09 AM IST
सार
भारत में जनसंख्या का घनत्व को देखते हुए यहां कोरोना के फैलने का खतरा अमेरिका से ज्यादा है। ऐसे में यह तीसरी लहर के खतरे को 103 फीसदी तक बढ़ा सकता है। त्योहारी माहौल और छुट्टियों पर सैर की वजह से महामारी का चरम चार हफ्ते पहले ही आ सकता है।
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, आईसीएमआर ने जारी की चेतावनी।
– फोटो : ANI
देश में कोरोना की रफ्तार भले धीमी हुई है मगर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अब भी टला नहीं है। आईसीएमआर ने आगाह किया है कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या और सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों में भीड़ तीसरी लहर के खतरे को बढ़ा सकती है। इस रिपोर्ट में भीड़भाड़ और सामूहिक आयोजनों से बचने की सलाह दी गई है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत में जनसंख्या का घनत्व को देखते हुए यहां कोरोना के फैलने का खतरा अमेरिका से ज्यादा है। ऐसे में यह तीसरी लहर के खतरे को 103 फीसदी तक बढ़ा सकता है। त्योहारी माहौल और छुट्टियों पर सैर की वजह से महामारी का चरम चार हफ्ते पहले ही आ सकता है। ‘कोविड-19 के दौरान भारत में जिम्मेदार यात्रा’ नामक इस अध्ययन में गणितीय मॉडल के आधार पर हिमाचल प्रदेश से मिलते-जुलते हालात की कल्पना करते हुए तीसरी लहर का अनुमान लगाया है।
यहां कोरोना की पहली और दूसरी लहरों की गंभीरता देश के अन्य हिस्से से कम थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, पर्यटकों की संख्या बढ़ने व समारोहों में भीड़ से तीसरी लहर की स्थिती गंभीर हो सकती है।
मनाली और दार्जिलिंग का दिया उदाहरण
विशेषज्ञों के अनुसार मनाली और दार्जिलिंग जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ बढ़ने से कोरोना का खतरा बढ़ेगा। कोरोना तेजी से फैल सकता है, क्योंकि यहां की जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता का देश के अन्य हिस्सों की तरह आकलन नहीं किया जा सका है। हालांकि सामाजिक दूरी, मास्क और अन्य प्रोटोकॉल का पालन करके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
विस्तार
देश में कोरोना की रफ्तार भले धीमी हुई है मगर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अब भी टला नहीं है। आईसीएमआर ने आगाह किया है कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या और सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों में भीड़ तीसरी लहर के खतरे को बढ़ा सकती है। इस रिपोर्ट में भीड़भाड़ और सामूहिक आयोजनों से बचने की सलाह दी गई है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत में जनसंख्या का घनत्व को देखते हुए यहां कोरोना के फैलने का खतरा अमेरिका से ज्यादा है। ऐसे में यह तीसरी लहर के खतरे को 103 फीसदी तक बढ़ा सकता है। त्योहारी माहौल और छुट्टियों पर सैर की वजह से महामारी का चरम चार हफ्ते पहले ही आ सकता है। ‘कोविड-19 के दौरान भारत में जिम्मेदार यात्रा’ नामक इस अध्ययन में गणितीय मॉडल के आधार पर हिमाचल प्रदेश से मिलते-जुलते हालात की कल्पना करते हुए तीसरी लहर का अनुमान लगाया है।
यहां कोरोना की पहली और दूसरी लहरों की गंभीरता देश के अन्य हिस्से से कम थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, पर्यटकों की संख्या बढ़ने व समारोहों में भीड़ से तीसरी लहर की स्थिती गंभीर हो सकती है।
मनाली और दार्जिलिंग का दिया उदाहरण
विशेषज्ञों के अनुसार मनाली और दार्जिलिंग जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ बढ़ने से कोरोना का खतरा बढ़ेगा। कोरोना तेजी से फैल सकता है, क्योंकि यहां की जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता का देश के अन्य हिस्सों की तरह आकलन नहीं किया जा सका है। हालांकि सामाजिक दूरी, मास्क और अन्य प्रोटोकॉल का पालन करके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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