पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होने से दो रोज पहले लगभग तमाम ओपिनियन पोल इस बारे में एकमत हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ से बाजी निकल चुकी है। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन के ताजा सर्वे में बताया गया है कि बैटलग्राउंड कहे जाने वाले दो अहम राज्यों- विस्कोंसिन और मिशिगन में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन बढ़त बनाए हुए हैं।
ये दोनों वो राज्य हैं, जहां पहले डेमोक्रेटिक पार्टी को मजबूत माना जाता था लेकिन 2016 में यहां आश्चर्यजनक रूप से ट्रंप ने जीत हासिल कर ली थी। अलग-अलग मीडिया संस्थानों और थिंक टैंक्स की सर्वेक्षणों का औसत प्रकाशित करने वाली वेबसाइट रियलक्लीयरपोलिटिक्स.कॉम के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप को 43.5 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल है, वहीं 51.3 फीसदी मतदाता बिडेन के पक्ष में हैं।
बिडेन को 7.8 प्रतिशत की बढ़त हासिल है लेकिन अमेरिका में चुनाव का नतीजा राष्ट्रीय स्तर पर मिले वोटों से नहीं, बल्कि राज्यों के स्तर पर चुने जाने वाले इलेक्ट्रॉल कॉलेज के सदस्यों की संख्या से तय होता है। हर राज्य से इलेक्ट्रॉल कॉलेज में उतने सदस्य चुने जाते हैं, जितने प्रतिनिधि वहां अमेरिकी संसद- कांग्रेस- के लिए वहां चुने जाते हैं।
कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में 100 और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में 438 सदस्य हैं, यानी इलेक्ट्रॉल कॉलेज के लिए 538 सदस्य चुने जाते हैँ। इसीलिए पिछली बार डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रीय स्तर ट्रंप से लगभग 29 लाख ज्यादा वोट हासिल किए, फिर भी इलेक्ट्रॉल कॉलेज में वो पिछड़ गई थीँ।
इस बार ऐसा समझा जा रहा है कि चुनाव की मुख्य लड़ाई पेन्सिलवेनिया, फ्लोरिडा, नॉर्थ कैरोलाइना, आयोवा, मिनिसोटा, ओहायो, विस्कोंसिन, टेक्सास जैसे बैटलग्राउंड या टॉस-अप कहे जाने वाले राज्यों में है। रियलक्लीयरपोलिटिक्स.कॉम के हिसाब से इन राज्यों में बिडेन को ट्रंप के मुकाबले औसतन 3.4 प्रतिशत वोटों की बढ़त है।
लेकिन लगभग ऐसे ही अनुमान चार साल पहले भी लगाए गए थे। तब उनको धता बताते हुए ट्रंप ने जीत हासिल कर ली थी। इसीलिए इस बार ओपिनियन पोल्स को सियासी दायरे में सतर्क नजरिए से देखा जा रहा है। अनिश्चय को चुनाव का अनुमान लगाने वाले दो जानकारों- ऐरी कैपटेयन और रॉबर्ट केहली ने यह कह कर और बढ़ा दिया है कि तमाम ओपिनियन पोल ट्रंप के समर्थन आधार का गलत अंदाजा लगा रहे हैं।
इन दोनों की साख यह है कि 2016 में उन्होंने ट्रंप की जीत की भविष्यवाणी की थी। एरी कैपटेयन डच अर्थशास्त्री हैं और सामाजिक अनुसंधानों से संबंधित रहे हैं। केहली रिपब्लिकन पार्टी के लिए सर्वे करने वाली संस्था ट्रैफलगर ग्रुप से संबंधित हैं। इन दोनों का मानना है कि ट्रंप के बहुत से समर्थक अपनी पहचान जाहिर नहीं करते। इसलिए उनकी भविष्यवाणी है कि फिर चार साल पहले जैसा नतीजा दोहराया जाएगा- मसलन, बिडेन राष्ट्रीय स्तर पर कुल वोटों में जीतेंगे, मगर इलेक्ट्रॉल कॉलेज में ट्रंप की जीत होगी।
कैपटेयन और केहली के मुताबिक ट्रंप की छवि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से प्रतिगामी नेता की है। इसलिए बहुत से लोग खुलकर उनका समर्थन नहीं करते लेकिन ये लोग ट्रंप जैसा कहते हैं, उसके अनुरूप भावनाएं रखते हैं। ऐसे लोगो की वजह से ही चार साल पहले ट्रंप राष्ट्रपति बने। ऐसे ही वोटर उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुने जाने में मददगार बनेंगे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होने से दो रोज पहले लगभग तमाम ओपिनियन पोल इस बारे में एकमत हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ से बाजी निकल चुकी है। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन के ताजा सर्वे में बताया गया है कि बैटलग्राउंड कहे जाने वाले दो अहम राज्यों- विस्कोंसिन और मिशिगन में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन बढ़त बनाए हुए हैं।
ये दोनों वो राज्य हैं, जहां पहले डेमोक्रेटिक पार्टी को मजबूत माना जाता था लेकिन 2016 में यहां आश्चर्यजनक रूप से ट्रंप ने जीत हासिल कर ली थी। अलग-अलग मीडिया संस्थानों और थिंक टैंक्स की सर्वेक्षणों का औसत प्रकाशित करने वाली वेबसाइट रियलक्लीयरपोलिटिक्स.कॉम के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप को 43.5 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल है, वहीं 51.3 फीसदी मतदाता बिडेन के पक्ष में हैं।
बिडेन को 7.8 प्रतिशत की बढ़त हासिल है लेकिन अमेरिका में चुनाव का नतीजा राष्ट्रीय स्तर पर मिले वोटों से नहीं, बल्कि राज्यों के स्तर पर चुने जाने वाले इलेक्ट्रॉल कॉलेज के सदस्यों की संख्या से तय होता है। हर राज्य से इलेक्ट्रॉल कॉलेज में उतने सदस्य चुने जाते हैं, जितने प्रतिनिधि वहां अमेरिकी संसद- कांग्रेस- के लिए वहां चुने जाते हैं।
कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में 100 और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में 438 सदस्य हैं, यानी इलेक्ट्रॉल कॉलेज के लिए 538 सदस्य चुने जाते हैँ। इसीलिए पिछली बार डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रीय स्तर ट्रंप से लगभग 29 लाख ज्यादा वोट हासिल किए, फिर भी इलेक्ट्रॉल कॉलेज में वो पिछड़ गई थीँ।
इस बार ऐसा समझा जा रहा है कि चुनाव की मुख्य लड़ाई पेन्सिलवेनिया, फ्लोरिडा, नॉर्थ कैरोलाइना, आयोवा, मिनिसोटा, ओहायो, विस्कोंसिन, टेक्सास जैसे बैटलग्राउंड या टॉस-अप कहे जाने वाले राज्यों में है। रियलक्लीयरपोलिटिक्स.कॉम के हिसाब से इन राज्यों में बिडेन को ट्रंप के मुकाबले औसतन 3.4 प्रतिशत वोटों की बढ़त है।
लेकिन लगभग ऐसे ही अनुमान चार साल पहले भी लगाए गए थे। तब उनको धता बताते हुए ट्रंप ने जीत हासिल कर ली थी। इसीलिए इस बार ओपिनियन पोल्स को सियासी दायरे में सतर्क नजरिए से देखा जा रहा है। अनिश्चय को चुनाव का अनुमान लगाने वाले दो जानकारों- ऐरी कैपटेयन और रॉबर्ट केहली ने यह कह कर और बढ़ा दिया है कि तमाम ओपिनियन पोल ट्रंप के समर्थन आधार का गलत अंदाजा लगा रहे हैं।
इन दोनों की साख यह है कि 2016 में उन्होंने ट्रंप की जीत की भविष्यवाणी की थी। एरी कैपटेयन डच अर्थशास्त्री हैं और सामाजिक अनुसंधानों से संबंधित रहे हैं। केहली रिपब्लिकन पार्टी के लिए सर्वे करने वाली संस्था ट्रैफलगर ग्रुप से संबंधित हैं। इन दोनों का मानना है कि ट्रंप के बहुत से समर्थक अपनी पहचान जाहिर नहीं करते। इसलिए उनकी भविष्यवाणी है कि फिर चार साल पहले जैसा नतीजा दोहराया जाएगा- मसलन, बिडेन राष्ट्रीय स्तर पर कुल वोटों में जीतेंगे, मगर इलेक्ट्रॉल कॉलेज में ट्रंप की जीत होगी।
कैपटेयन और केहली के मुताबिक ट्रंप की छवि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से प्रतिगामी नेता की है। इसलिए बहुत से लोग खुलकर उनका समर्थन नहीं करते लेकिन ये लोग ट्रंप जैसा कहते हैं, उसके अनुरूप भावनाएं रखते हैं। ऐसे लोगो की वजह से ही चार साल पहले ट्रंप राष्ट्रपति बने। ऐसे ही वोटर उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुने जाने में मददगार बनेंगे।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...
america, american president, american presidential election news, donald trump, joe biden, World Hindi News, World News in Hindi, अमेरिका, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020, ओपिनियन पोल, जो बिडेन, जो बिडेन बढ़त पर, डोनाल्ड ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप पीछे
-
पाक सांसद अयाज सादिक को 'बड़ी सजा' देने की तैयारी, अभिनंदन को लेकर खोले थे राज
-
फ्रांस के बाद अब कनाडा के क्यूबेक सिटी में चाकू से हमला, दो की मौत, पांच लोग घायल
-
फिलीपींस में भयानक तूफान की दस्तक, 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा