एजेंसी, काबुल
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 08 Jul 2021 12:49 AM IST
यूएस आर्मी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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पेंटागन के मुताबिक, अफगानिस्तान से सैन्य उपकरण लेकर रवाना होने से पहले कई सैन्य उपकरणों को निपटान के लिए रक्षा रसद एजेंसी को सौंप दिया गया है। नाटो देश भी अमेरिकी समन्वय से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को तेजी से वापस निकाल रहे हैं। जर्मनी ने अपने सभी सैनिकों को वापस भी बुला लिया है और उसने उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया है।
पिछले सप्ताह अमेरिकी और नाटो बलों ने अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य हवाई अड्डा बगराम एयरबेस भी खाली कर दिया है। विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ, तालिबान ने सरकारी बलों से लड़ने के बाद उत्तरी अफगानिस्तान और देश के अन्य हिस्सों में कई जिलों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि अफगान सुरक्षाबलों ने तालिबान को आगे बढ़ने से रोकने का संकल्प लिया है।
बिना बताए अमेरिका ने ठिकाना छोड़ा
अफगान अधिकारियों का दावा किया है कि अमेरिकी सेना ने उन्हें बिना बताए और बेस के लिए एक नया अफगान कमांडर नियुक्त किए बिना ही यह ठिकाना छोड़ दिया है। अमेरिकी सैनिकों के जाने के दो घंटे से अधिक समय बाद इस बारे में पता चला। बेस में एक जेल भी है जहां हजारों तालिबान और अन्य कैदी सालों से बंद हैं। अफगान कमांडर जनरल मीर असद कोहिस्तानी ने इसकी पुष्टि की है।
सौ वर्षों में भी हमसे आत्मसमर्पण नहीं करा सकता तालिबान : गनी
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि तालिबान अगले सौ वर्षों में भी अफगान सरकार को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर नहीं कर सकता। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में हुई एक कैबिनेट बैठक में गनी ने यह भी कहा कि तालिबान और उसके समर्थक देश में हो रहे खून-खराबे और तबाही के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, हम अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए तैयार हैं।
24 घंटों में 200 से ज्यादा आतंकी मारे
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पिछले 24 घंटों में 200 से अधिक तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं। अफगान कमांडो बलों के कम से कम 10,000 सदस्य देश भर में तालिबान को खत्म करने में लगे हुए हैं। दूसरी ओर, तालिबान ने दावा किया कि उसने इसी अवधि में छह और जिलों पर कब्जा कर लिया है।