कैंसर (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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शोध के मुताबिक, शराब पीने के कारण कैंसर होने वाले मामलों में 77 फीसदी हिस्सेदारी पुरुषों की है, जबकि इसका शिकार होने वाली महिलाएं कुल मामलों का 23 फीसदी हैं। 5,68,700 पुरुषों में, 1,72,600 महिलाओं में शराब पीने के कारण कैंसर का असर पाया गया। शराब यानी अल्कोहल सेवन के कारण ग्रासनली, लीवर और स्तन में कैंसर के मामले सबसे ज्यादा संख्या में पाए गए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले सालों के आंकड़ों के आधार पर पाया गया कि 2020 में मुंह, ग्रासनली, गला, आंत, मलाशय, लीवर और स्तन कैंसर के 63 लाख मामले थे। 2020 में किए गए अपनी तरह के पहले शोध में इन कैंसरों का शराब सेवन से स्पष्ट सा सीधा संबंध पुष्ट हुआ है।
फ्रांस की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) के हैरियट रूमागे के मुताबिक, रुझान बताते हैं कि बहुत सारे यूरोपीय देशों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत घटी है, जबकि चीन और भारत जैसे एशियाई देशों व सहारा क्षेत्र के अफ्रीकी देशों में अल्कोहल सेवन का उपयोग बढ़ा है। साथ ही यह भी सबूत मिले हैं कि कोविड-19 महामारी के दौरान कुछ देशों में शराब पीने की दर बढ़ी है।
ऐसा रहा है शराब और कैंसर का संबंध
- 7,41,300 नए कैंसर का 2020 में मिला अल्कोहल सेवन से जुड़ाव
- 39 फीसदी यानी 2,91,800 मामले रिस्की ड्रिंकिंग (2 से 6 पैग प्रतिदिन) के
- 47 फीसदी यानी 3,46,400 मामले हैवी ड्रिंकिंग (6 से ज्यादा पैग प्रतिदिन) के
- 14 फीसदी यानी 1,03,100 मामले मॉडरेट ड्रिंकिंग (2 पैग तक प्रतिदिन) के
क्षेत्र की वैश्विक कैंसर में हिस्सेदारी
- 6-6 फीसदी यानी सबसे ज्यादा मामले पूर्वी एशिया, मध्य व पूर्वी यूरोप के
- 01 फीसदी यानी सबसे कम मामले उत्तरी अफ्रीका व पश्चिमी एशिया के
ये देश हैं शराब से जुड़े कैंसर में आगे
- 10 फीसदी के साथ पहले नंबर पर है मंगोलिया
- 00 फीसदी के साथ सबसे नीचे है कुवैत
शराब जनित कैंसर का कुल मामलों में हिस्सा
देश फीसदी हिस्सा मामले
भारत 05 62,100
चीन 06 2,82,300
जर्मनी 04 21,500
फ्रांस 05 20,000
ब्रिटेन 04 16,800
अमेरिका 03 52,700
ब्राजील 04 20,500
(मामले- शराब से हुआ कैंसर)